3.11.10

आशा है आप इतना तो ख्‍याल रखेंगे ही।

दीवाली रोशनी का त्‍यौहार है। दीपों से जगमग करते घर किसे अच्‍छे नहीं लगते। आजकल दियों का स्‍थान बिजली की लडियों ने लिया है। खासकर चाइनीज झालरों ने तो बाजार को पाट सा दिया है। हो सकता है कि आप भी अपने घर के लिए झालरें लेने जा रहे हों। अगर आप ऐसा करने वाले हों, तो मेरी आपसे गुजारिश है कि आप एल ई डी लाइट ही झालरें खरीदें, इससे बिजली कम खर्च होती है, और देखने में भी अच्‍छा लगता है।

और हॉं, दीवाली में पटाखों की बात न हो, तो कुछ सूना सूना सा लगता है। सही कहा न। मुझे तो फुलझडी ही पसंद आती है। अरे भई, इसमें जलने का खतरा जो नहीं रहता न। अगर आप पटाखे लेने जा रहे हों, तो इस बात का ध्‍यान रखें कि कम आवाज वाले पटाखे खरीदें। क्‍या कहा क्‍यों। अरे भई, इस धरती पर हमारे साथ बहुत सारे जीव जन्‍तु रहते हैं, जोकि ध्‍वनि के प्रति बहुत संवेदशनशीन होते हैं। उन्‍हें इनसे बहुत तकलीफ होती है। और हां आजकल तो बिना बारूद वाले पटाखे भी आ गये हैं। इनका फायदा ये है कि इनसे प्रदूषण नहीं होता। अच्‍छा हो यदि आप इन्‍हें ही खरीदें। इससे वायु प्रदूषण कम होगा और दमे के रोगियों को भी कम मुश्किल होगी। साथ ही जलने का भी खतरा नहीं रहेगा।

उम्‍मीद करती हूं कि ये बातें आपको पसंद आएंगी और आप इनका ख्‍याल रखेंगे।